इस फिल्म में तंजानियाई मुसलमान और कुरान प्रेमी सूरह यूसुफ़ की आयत 65 «هَذِهِ بِضَاعَتُنَا رُدَّتْ إِلَيْنَا وَنَمِيرُ أَهْلَنَا وَنَحْفَظُ أَخَانَا وَنَزْدَادُ كَيْلَ بَعِيرٍ ذَلِكَ كَيْلٌ يَسِيرٌ: यह हमारी पूंजी है कि हमें वापस कर दिया गया है! (तब यह बेहतर होगा कि आप भाई को हमारे साथ भेजें) और हम उसके परिवार के लिए भोजन लाएंगे और हम अपने भाई की रक्षा करेंगे और हमें एक बड़ा उपाय मिलेगा, यह उपाय छोटा है" को वे महमूद शह्हात अनवर के साथ पढ़ते हैं। जो कि इस मिस्री पाठक के ध्यान और प्रशंसा का सबब बना।
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